साइबर अपराधियों का शिकार होने से बचना है तो संदिग्ध ओटीपी और मैसेज को करें इग्नोर

धनबाद । बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में मास कम्युनिकेशन एवं पॉलिटिकल साइंस विभाग और आइक्यूएसी प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में कुलपति (प्रो) डॉ राम कुमार सिंह की अध्यक्षता में "डिजिटल अरेस्ट एवं साइबर क्राइम : सुरक्षा और रोकथाम" के विषय पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित एवं बिनोद बिहारी महतो के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। कार्यक्रम का संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्रो डॉ अमूल्य सुमन बेक एवं धन्यवाद ज्ञापन डीएसडब्लू डॉ पुष्पा कुमारी ने किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ दीपक कुमार को पुष्पगुच्छ एवं मोमेंटो देकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ दीपक कुमार ने सेमिनार में डिजिटल अरेस्ट एवं साइबर अपराध सुरक्षा और रोकथाम के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर उपस्थित सभी को साइबर अपराध एवं ठगी से बचाव के लिए जागरूक किया। दीपक कुमार ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराधी द्वारा रचित हैं। जिसका कानून में कोई जिक्र नहीं है। साइबर अपराधी वीडियो कॉल, ईमेल, एसएमएस आदि के जरिए लोगों को बरगला कर शिकार बनाते हैं। जिससे सभी को जागरूक होने की जरूरत है। जब कभी भी संदिग्ध ओटीपी या मैसेज आए, उसे इग्नोर करें और आवश्यकता पड़े तो नजदीकी थाना में रिपोर्ट करें।

साइबर अपराध एवं ठगी से बचाव जरूरी : कुलपति

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति (वरिष्ठ प्रो) डॉ राम कुमार सिंह ने कहा कि आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध एवं ठगी से बचाव जरूरी है।

उन्होंने महात्मा गांधी के ध्येय वाक्य बुरा मत देखो, बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो का जिक्र करते हुए कहा कि इस डिजिटल युग में हम सभी को जागरूक एवं सतर्क होकर डिजिटल प्लेटफार्मों को प्रयोग करने की आवश्यकता है। साइबर अपराधी के हाथों ब्लैकमेलिंग होने से सभी को बचना चाहिए। कार्यक्रम में आगे आइक्यूएसी के संयोजक सह प्रिंसिपल आर एस मोर कॉलेज गोविंदपुर डॉ प्रवीण सिंह ने साइबर अपराध एवं रोकथाम को लेकर कहा कि अगर आप तकनीकी समझ और जागरूक होकर कोई भी डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रयोग करते हैं तो आप साइबर ठगी से बच सकते हैं। जनसंचार विभागाध्यक्ष सह कार्यक्रम के संयोजक डॉ जितेंद्र आर्यन ने मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए बताया कि डिजिटल अरेस्ट एवं साइबर अपराध रोकथाम के प्रति सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। आज के समय में अगर साइबर क्राइम के प्रति जागरूक रहे तो साइबर ठगी से बच सकते हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ रसराज पॉल, डॉ सरिता श्रीवास्तव, डॉ संजू कुमारी, डॉ दीपक सिंह, डॉ तनुजा कुमारी, डॉ जयगोपाल मंडल, डॉ अमिता वर्मा, डॉ कृष्ण मुरारी सिंह, डॉ मृत्युंजय सिंह, डॉ मुकुंद रविदास, डॉ विकास चंद्र, हर्षित कच्छप, डॉ अतुल सिन्हा, डॉ राजेश कुमार एवं छात्र छात्राओं में दुलाल, वसीम, विजय, बजरंग, विकास, युधिष्ठिर, बैकुंठ, गुड्डू, अंकित, दिवाकर, लक्ष्मी, रानी, मधु, कृष्णानंद, शुभम सहित विभिन्न विभागों के सैकड़ों विद्यार्थी और शोधार्थी उपस्थित रहें

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