STATE EDITOR VIJAY SEN
रांची। भारत का एक ऐसा प्रेस क्लब है, जिसका गांधी सेवा सदन परिसर में एक खंडहरनुमा कमरे में कब्जा है। वह भी एक-दो वर्षों से नहीं, बल्कि 25 वर्षों से कब्जा बरकरार है। किसी भी अधिकारी या मंत्री ने प्रेस क्लब को आज तक लिखित रूप से आदेश नहीं दिया है कि वह वहां अपना ठिकाना बनाए। लोगों का कहना है कि प्रेस क्लब जैसे भारत में लाखों यूनियन और संगठन हैं, जो सिर्फ और सिर्फ वसूली और अय्याशी के लिए बना हुआ है। कभी क्रिकेट मैच के नाम पर तो कभी चुनाव, होली मिलन और अन्य समारोह के नाम पर वसूली करता है। कई बार वसूली और बटवारा के चक्कर में आपस में तथाकथित मीडिया कर्मियों के बीच मारपीट भी हो चुकी है। एफआईआर भी दर्ज हुआ, हाथों में हथकड़ी लगाई गई और जेल जाने तक की नौबत आ गई, लेकिन एक विशेष जाति के लोगों ने पैरवी कर बचाई। जिसे आम आदमी ने भी गांधी सेवा स्थान के सामने से सड़क पर गुजरते हुए देखा था। यह औकात है इस प्रेस क्लब का।
प्रेस क्लब के कई लोग ऐसे हैं जो अपने आपको अधिकारी कहते हैं
जानकारों का कहना है कि प्रेस क्लब के कई लोग ऐसे हैं जो अपने आपको अधिकारी के रूप में हर जगह परिचय देते हैं। जबकि भारत सरकार के मानक के अनुसार इन लोगों की औकात सरकारी दफ्तर में काम करने वाले चपरासी के बराबर भी नहीं है। चपरासी, सरकारी सिस्टम का हिस्सा है, लेकिन इस प्रेस क्लब का अध्यक्ष, सचिव या महासचिव या फिर सदस्य क्या है। सरकार या सरकारी अधिकारी चाहे तो इन लोगों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेज सकती है।
नेताओं, अपराधियों, तस्करों से लात जूता खा चुके हैं कई लोग
लोगों का कहना है कि प्रेस क्लब के कई सदस्य ऐसे हैं जो नेताओं, अपराधियों, तस्करों से लात जूता तक खा चुके हैं । एक फर्जी उर्फ वसूलीबाज के नाम से मशहूर है, जो कई वर्षों तक बंगाल के चकला घर से जिस्मफरोशी महिलाओं को लाकर तथाकथित नेताओं, तस्करों और अफसरों के बेडरूम तक सप्लाई करता था। आज भी यह धंधा करता है।
कोयला, बालू और गो तस्करों से 600 मीडियाकर्मियों के नाम पर वसूली करता है फर्जी
लोगों का कहना है कि फर्जी उर्फ वसूलीबाज कोयला, बालू और गो तस्करों से प्रेस क्लब के 600 मीडियाकर्मियों यानी सदस्यों के नाम पर वसूली करता है। हालांकि कई सदस्य ऐसे भी हैं जो ईमानदार हैं और अपने संस्थान में ईमानदारी पूर्वक कार्य करते हैं। वेतन से परिवार का भरण पोषण करते हैं।
कुछ सदस्य जा चुके हैं जेल
लोग कहते हैं कि प्रेस क्लब के कुछ सदस्य ऐसे भी हैं, जो जेल भी जा चुके हैं। खालिस्तान और बर्बाद खबर समेत पोर्टल पर करने वाला म्योति, प्रवीण, महबूब उर्फ खोटे कान आदि अन्य शामिल है। कुछ सदस्यों को तो उसकी बीवियां नौकरी कर पाल रही है। जिसमें नागेन्द्र व शैलेन्द्र कुमार आदि शामिल हैं।
