झारखंड के जेलों से पांच कारोबारियों से मांगी गई रंगदारी



धनबाद। झारखंड के जेलों में सुरक्षा के इंतजाम कितना पुख्ता हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मात्र दो महीने में राज्य के पांच कारोबारियों को जेल में बंद गैंगस्टर धमकी दे चुके हैं। झारखंड की धनबाद समेत कई जेलों से रंगदारी की घंटी बज रही है। जेल में बंद अपराधी लोगों को फोन पर लगभग 25 वर्षों से धमकाकर रंगदारी मांग रहे हैं, लेकिन जेल प्रशासन इन्हें रोकने में लाचार हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि जेलों में फोन बंद करने की व्यवस्था कई साल पुरानी है। राज्य में कुल 31 जेल हैं। इनमें 14 जेलों में जैमर ही नहीं है। वहीं, 17 जेलों में 41 जैमर लगे हैं, लेकिन वो 2जी जैमर हैं।    

सड़े हुए सिस्टम का लाभ उठा रहें अपराधी 

जेलों की भीतर कुव्यवस्था और सड़े हुए सिस्टम का लाभ गैंगस्टर उठा रहे हैं। अलग-अलग जेलों में बंद कुख्यात अपराधी जेल से ही अपनी हुकूमत चला रहे हैं। कोयला कारोबारी, ठेकेदार, ट्रांसपोर्टर, जमीन कारोबारी और नेता इनके निशाने पर हैं। जेल से ही फोन कर इनसे रंगदारी मांगी जा रही है। इनकार करने पर शूटर भेजकर गोलियां चलवाई जा रही हैं। पुलिस जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है कि जेल में बंद गैंगस्टरों के इशारे पर कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है।

इन जेलों से मांगी गई रंगदारी और एक की हत्या भी की गई 

25 नवंबर - पलामू के छतरपुर में पत्थर खदान और क्रशर मालिक से सुजीत सिन्हा के नाम पर रंगदारी मांगी गई। 2 शूटर पकड़े गए। दोनों ने पुलिस पूछताछ में सुजीत गैंग का सदस्य होने की बात स्वीकार की।

2 दिसंबर - पलामू के चैनपुर समेत अन्य जगहों पर माइंस कारोबारी समेत अन्य लोगों से सुजीत सिन्हा के नाम पर रंगदारी मांगी गई थी। पैसा नहीं देने पर अपराधियों ने माइंस क्षेत्र में गोलीबारी भी की थी।

5 दिसंबर - हजारीबाग में दीपक सिंह की हत्या की योजना जेल में बनी। 11 दिसंबर को हुए हत्याकांड में इस बात का खुलासा हजारीबाग एसपी ने किया था।

7 दिसंबर - जेल में बंद टीएसपीसी उग्रवादी प्रदीप गंझू के नाम पर लातेहार में कारोबारियों से रंगदारी मांगी जा रही थी। उग्रवादियों ने 2 नवंबर को बालूमाथ में हाइवा फूंका था। अन्य 2 जगह पर हाइवा में आगजनी की।

19 दिसंबर - जमशेदपुर के जेवर व्यवसायी से रंगदारी मांगी गई। व्यवसायी ने कदमा थाने में एफआईआर दर्ज कराई। जांच में पता चला कि होटवार जेल में बंद अपराधी सोनू सिंह के इशारे पर रंगदारी मांगी गई।

 आधा दर्जन संगठित गिरोह जेल से चला रहे रंगदारी का साम्राज्य

सुजीत सिन्हा, अमन साहू, लवकुश शर्मा, अमन श्रीवास्तव, अखिलेश सिंह, सोनू सिंह

सरकारी कागजों में दौड़ रहा 5 जी जैमर लगाने का प्रस्ताव

राज्य की जेलों में 4जी-5जी जैमर लगाने का प्रस्ताव तैयार हुआ था, लेकिन यह फाइलों में ही दौड़ रहा है। जेल विभाग और गृह विभाग के बीच इसे लेकर कई बार पत्राचार किया गया। सर्वे का काम भी हुआ। लेकिन विभाग कोई अंतिम फैसला नहीं ले सका।

किस जेल में कितना है जैमर

बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल होटवार -   6 जैमर

सेंट्रल जेल दुमका - 4 जैमर

सेंट्रल जेल घाघीडीह - 3 जैमर

सेंट्रल जेल मेदिनीनगर - 2 जैमर

मंडल कारा धनबाद - 2 जैमर

मंडल कारा चाईबासा - 2 जैमर

मंडल कारा लातेहार - 2 जैमर

मंडल कारा लोहरदगा - 2 जैमर

मंडल कारा गुमला - 2 जैमर

मंडल कारा सरायकेला - 3 जैमर

मंडल कारा गढ़वा - 3 जैमर

उपकारा खूंटी - 3 जैमर

मंडल कारा जामताड़ा - 1 जैमर

मंडल कारा कोडरमा - 1 जैमर

मंडल कारा चतरा - 1 जैमर

उपकारा तेनुघाट- 1 जैमर

इन जेलों में नहीं लगा है जैमर 

सेंट्रल जेल गिरिडीह, सेंट्रल जेल देवघर, मंडल जेल साहिबगंज, मंडल जेल चास, मंडल जेल सिमडेगा, मंडल जेल पाकुड़, मंडल जेल गोड्डा, मंडल जेल साकची, उपकारा राजमहल, उपकारा घाटशिला, उपकारा रामगढ़, ओपन जेल हजारीबाग, उपकारा मधुपुर, उपकारा बरही

आम जनता की नजर में जेल आईजी और एआईजी तक भी पहुंच रहा रंगदारी का हिस्सा 

पिछले लगभग 25 वर्षों से झारखंड के विभिन्न जेलों से रंगदारी मांगी जा रही है। लाख कोशिशों के बावजूद रंगदारी मांगने वाले दबंग कैदियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। व्यवसायियों और चिकित्सकों की ओर से आंदोलन होने और मुख्यमंत्री से शिकायत करने के बाद दिखावे के लिए संबंधित थाना में एफआईआर कर ली जाती है, लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होती है। कभी कभार जेलों में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से छापामारी कर खानापूर्ति कर ली जाती है लेकिन कभी कोई मोबाइल या हथियार बरामद नहीं होता है। जबकि जेल से लगातार फोन की जाती है और जेल में कई बार गोली मार कर हत्या भी कर दी जाती है लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को ना तो मोबाइल मिलता है और नहीं हथियार इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसमें कहीं ना कहीं सिस्टम का भी हाथ है। लोगों का कहना है कि जेल आईजी सुदर्शन मंडल और जेल एआईजी हामिद अख्तर किसी काम के नहीं हैं। अपराधियों और गुंडों से शहर, गांव और राज्य चलाने वाली पुलिस क्या कार्रवाई करेगी। जेल आईजी और जेल एआईजी तक रंगदारी का हिस्सा पहुंच रहा है। सभी तो संतोषजनक कार्रवाई नहीं हो रही है।

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